| शब्द का अर्थ | 
					
				| उप-नाम (न्)					 : | पुं० [सं० अत्या० स०] १. किसी व्यक्ति का उसके वास्तविक नाम से भिन्न कोई दूसरा ऐसा प्रसिद्ध नाम जो उसके माता-पिता आदि ने लाड़-प्यार से रखा होता है। जैसे—शीतलाप्रसाद उपनाम राजा भइया। २. किवियों, लेखकों आदि का स्वयं रखा हुआ दूसरा नाम जिससे वे साहित्यिक जगत् में प्रसिद्ध होते हैं। छाप० जैसे—पं० अयोध्यासिंह उपाध्याय का उपनाम हरिऔध तथा श्री जगन्नाथ का उपनाम ‘रत्नाकर’ था। | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| उप-नाम (न्)					 : | पुं० [सं० अत्या० स०] १. किसी व्यक्ति का उसके वास्तविक नाम से भिन्न कोई दूसरा ऐसा प्रसिद्ध नाम जो उसके माता-पिता आदि ने लाड़-प्यार से रखा होता है। जैसे—शीतलाप्रसाद उपनाम राजा भइया। २. किवियों, लेखकों आदि का स्वयं रखा हुआ दूसरा नाम जिससे वे साहित्यिक जगत् में प्रसिद्ध होते हैं। छाप० जैसे—पं० अयोध्यासिंह उपाध्याय का उपनाम हरिऔध तथा श्री जगन्नाथ का उपनाम ‘रत्नाकर’ था। | 
			
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